अंदाज निराला होता है,
मुस्कुरा के देखो तो ,
कांटे भी फूल लगते हैं ,
अगर आँखे आपकी नम हो ,
जग गम का प्याला लगता है,
हर सुबह सूरज की किरणे,
इस तन मन को छू जाती हैं ,
जब मन ही सोया सोया हो ,
ये जग सपना सा लगता है.
बस एक नजर प्यार की,
दुश्मन पर भी डालो तो ,
जाने कितने बरसों का वो ,
दोस्त अपना सा लगता है।
जाने कितने बरसों का वो ,
दोस्त अपना सा लगता है।
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