Tuesday, March 31, 2015

छत्रछाया

समाज और परिवार के कुछ,
जोक खटमल और पिस्सू ,
तब तक खून चूसेंगे तेरा,
जब तक तू सोती रहेगी।
ऐ नारी तू जाग ,
अपने कर्तव्य पथ से मत भाग।

आखिर तुझे ही आगे बढ़ना होगा ,
इन  असुरों से लड़ना होगा ,
जब ब्रह्मा विष्णु और महेश भी,
इनसे हार गए ,
तब तूने ही इनकी समाप्ति की,
इनके सारे पाप तूने ही काटे ,
तूने ही सबको मुक्ति दी।

आज फिर से ये वो दिन भूल गए हैं ,
तुझे ही याद दिलाना होगा ,
अमृत कलश छीन कर इनसे ,
तुझको ही तो लाना होगा।

तेरे लिए क्या कम  है ये ?
जब जब असुरों ने जन्म लिए ,
तब तब तूने नए रूप लिए ,
देवों के सब काज किये,
आखिर तेरी ही छत्रछाया में तो,
सब देवों ने भी राज किये।