माँ तू ममता की देवी है।
पथ्थर दिल को पिघला दे ,
माँ इतनी तुझमें शक्ति है।
ईश्वर को धरती पर ला दे ,
इतनी तुझमें भक्ति है।
वीर जवाहर गाँधी जैसे ,
कितने तुमने पुत्र जने ।
तेरी ही शिक्षा से तो माँ ,
भगत और आजाद बने।
माँ तू अपने बच्चों को,
अमृतमय जीवन देती है।
माँ तू जीवन को कितना,
पावन-पावन कर देती है।
घाव सभी तन-मन के माँ ,
स्नेह से तू भर देती है।
बुरे वक्त से लड़ने को ,
फौलादी थाती देती है।
युद्ध भूमि में लाल को अपने ,
कैसे विदा कर देती है?
जन-जन की रक्षा को तू,
बलिदान रक्त का देती है।
माँ तू कैसे चुपके-चुपके ,
अपने आँसू पी लेती है?
अपने बच्चों की रक्षा को तू,
प्राण भी दे देती है।
मेरे लिए तो माँ तू ही ,
माँ दुर्गा और सरस्वती है।
माँ तू ममता की देवी है,
माँ तू ममता की देवी है।
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