मेरा घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का ,
अनगिनत अरमानों का ,
घर आए मेहमानों का ।
मैं इस घर की रानी हूँ ,
अनमिट अटल कहानी हूँ ,
मेरा घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का ।
सुख- दुःख का साथी है ,
दिया है और बाती है,
जगमग ज्योति जलती है ,
खुशियाँ जहाँ पे पलती हैं ।
संग-संग हम रहते हैं ,
सुख और दुख सब सहते हैं ,
देख-देख हर्षाती हूँ ,
यहाँ बहुत सुख पाती हूँ ।
हे प्रभु इतनी दया करना ,
हम पर सदा कृपा करना ,
कभी न घर में लड़ाई हो ,
चाहत और भलाई हो ।
आशा और विश्वास हो ,
सदा आपका साथ हो ,
प्रेम ही दें और प्रेम ही पाएं ,
धूप-दीप से घर महकाऍ ।
मेरा घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का ।
बहुत सुंदर
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