Friday, May 22, 2015

मेरा घर


मेरा घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का ,
अनगिनत  अरमानों का ,
 घर आए मेहमानों का । 

मैं इस घर की रानी हूँ ,
अनमिट अटल कहानी हूँ ,
मेरा  घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का । 

सुख- दुःख  का साथी है ,
दिया है और बाती  है,
जगमग ज्योति जलती है ,
खुशियाँ जहाँ पे पलती  हैं । 

संग-संग हम रहते हैं ,
सुख और दुख सब सहते हैं ,
देख-देख हर्षाती हूँ ,
यहाँ बहुत सुख पाती  हूँ ।

हे प्रभु इतनी दया करना ,
हम पर सदा कृपा करना ,
कभी न घर में लड़ाई हो ,
चाहत और भलाई हो । 

आशा और विश्वास हो ,
सदा आपका साथ हो ,
प्रेम ही दें और प्रेम ही पाएं ,
धूप-दीप से घर महकाऍ । 
मेरा घर ये सपनों का ,
अपना और अपनों का । 

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