मेरी बेटी , एक छोटी सी मैना ,
इस डाल से उस डाल पर ,
फुदकती हुई , कैसे बड़ी हुई पता ही नहीं चला।
दुनिया के झंझावातों से गुजरती हुई ,
दुनिया को जानती हुई ,पहचानती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
छोटी सी , नन्ही सी, मेरी गोदी में ,
इठलाती हुई , बलखाती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
मुझे प्यार से छूती हुई , सहलाती हुई ,
मेरे जख्मों पर मरहम लगाती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
फूल सी कोमल, सबका दुःख-सुख बांटती हुई ,
सबको हंसती हंसाती हुई, कैसे बड़ी हुई,
पता ही नहीं चला।
जब भी मैं खड़ी हुई , जीवन के दो मुहाने पर ,
मुझको ढांढस बंधाती , कुछ समझती और कुछ समझाती हुई,
कैसे बड़ी हुई, मुझे पता ही नहीं चला।
मेरी बेटी है मेरी प्यारी सी हंसी ,
मेरी प्यारी सी दुनिया
एक नन्ही सी छुअन और एक बहुत बड़ी ख़ुशी।
इस डाल से उस डाल पर ,
फुदकती हुई , कैसे बड़ी हुई पता ही नहीं चला।
दुनिया के झंझावातों से गुजरती हुई ,
दुनिया को जानती हुई ,पहचानती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
छोटी सी , नन्ही सी, मेरी गोदी में ,
इठलाती हुई , बलखाती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
मुझे प्यार से छूती हुई , सहलाती हुई ,
मेरे जख्मों पर मरहम लगाती हुई ,
कैसे बड़ी हुई, पता ही नहीं चला।
फूल सी कोमल, सबका दुःख-सुख बांटती हुई ,
सबको हंसती हंसाती हुई, कैसे बड़ी हुई,
पता ही नहीं चला।
जब भी मैं खड़ी हुई , जीवन के दो मुहाने पर ,
मुझको ढांढस बंधाती , कुछ समझती और कुछ समझाती हुई,
कैसे बड़ी हुई, मुझे पता ही नहीं चला।
मेरी बेटी है मेरी प्यारी सी हंसी ,
मेरी प्यारी सी दुनिया
एक नन्ही सी छुअन और एक बहुत बड़ी ख़ुशी।